चेक मेट - 4 Saumil Kikani દ્વારા પુષ્તક અને વાર્તા PDF

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चेक मेट - 4

Episode 4

(सुमित अपने बेडरूम में आराम कर रहा था वही पे राठौड़ कॉफी के दो मग ले कर अंदर आता है और सुमित को शांति से सोया देख कर...)

राठौड़: सुमित.. (सुमित जटके से उठ जाता है , उसकी आंखों में थोड़ा दर्द और भय दोनों दिख रहे थे इस बात को नोटिस करते हुए).. कॉफी। लीजिये पीजिए. जब से हम आये है और आपको होश आया है तबसे आप को कोई रिफ्रेशमेंट नही मिला, ये कॉफी आपको थोड़ा रिलेक्स करेगी। (सुमित को थोड़ा आश्चर्य होता है वह देख कर).. I may be ruthless but not Heartless. Have IT.

(सुमित कॉफी मग हाथ मे लेजे उसमे से एक घूंट पिता है कि तुरंत ही दूसरी सेकंड में ...)

राठौड़: तो आप गुलाम के बारे में क्या जानते हो?

(सुमीत भौचक रह जाता है फिर कुछ सेकण्ड्स के बाद अपने आप को संभालते हुए )..

सुमित: जितना लोग उसके बारे में जानते है उतना ही।

राठौड़: मतलब आपने सिर्फ सुना है, देखा नही?

सुमित: हा, और देखना भी नही चाहता, मुजे अपनी ज़िंदगी प्यारी है सर। वर्दी जी के ड्यूटी निभाने के लिए पहनी है मर के हार ने को नही।

राठौड़: कमाल है, वो एक स्मगलर है, एक टेरेरिस्ट एक्टिविस्ट है लेकिन इतना भी... (बीच से ही सुमित बोल पड़ता है)

सुमित: आप जैसे ऑफिसर्स के लिए वो खेल की तरह होगा , मेरे लिए नही। लोग गुलाम के बारे में सिर्फ एक बात जानते है और वो है उसकी हैवानियत।

राठौड़: 4 साल से उस कुते के पीछे हु सुमित, लेकिन मेने ऐसा कुछ भी नही सुना.

सुमित: हो सकता है, लेकिन मेने जो सुना वो मेरे लिए बहोत है।

राठौड़: ऐसा क्या सुना?

सुमित: कहते है कि कुछ अरब लोग ने उसकी पत्नी और 10 साल की बेटी पे रेप किया था , जब उसे ये बात पता चली तो घर जा कर उन लोगो के बारे में उसकी पत्नी से पता किया फिर दूसरे सेकंड में ही उसके सर पे गोली मार दी फिर वही हाल उसकी बेटी का किया। दोनों को घर के पिछवाड़े में दफन कर के उन अरबो को ढूंढ ढूंढ कर मारा , उनके दोस्तों को ,फिर उनके परिवार के लोगो को, फिर उनके पडोशियो को, उनके साथ काम करने वाले उनसे जिंदगी में एक बार भी मिला हो वैसे हर इंसान को मारा, मारता गया मारता गया और फिर अचानक फूप.. धुंए की तरह हवा में पिघल गया , गुम हो गया।

(जैसे हिप्नोटाइज़ हो गए हो वैसे राठौड़ सुमित की बाते सुनता गया फिर ..)..

राठौड़: कमाल है सुमित, तुमने उसे देखा नही सिर्फ उसकी बातें सुनी है फिर भी उसे सच मानते हो, उस से डर ते हो?

सुमित: आप ने कभी भगवान को देखा है, भूत को देखा है, नही ना? फिर भी उनकी बातें सुन ने में आती है और इन बातों का हमारे दिमाग और जीवन मे पर होता ही है ना। बस... गुलाम वही अद्रश्य सी ताकत है।

राठौड़: stange. में उसके पीछे पिछले 4 सालों से पड़ा हु, उसकी हर चाल से, उसकी रगों रग से जानकर हु बस उसका चेहरा नही देख पा रहा हु।

सुमित: वही न।। नही देख पाएंगे। वो कलाकार आदमी है। वो हमेशा महसूस करवाता है कि वो हमारे आस पास है लेकिन दीखता नही है। और किसी को दीख गया तो( सुमित के चहेरे से घबराट के मारे पसीना छूट में लगता है वो देख कर..)

राठौड़: Come on Mr Sumit, Give me a Break.

सुमित: मुजे पता था कि आप मेरी बातों का विश्वास नही करेंगे , लेकिन I hope के हमारी डिफेंस एजंसी अमेरिकन एजंसी ने जो गलती 9/11 के वख्त की थी वैसी गलती नही करेगी।

राठोड: What do you mean by that?

सुमित: (हल्का सा मुस्कराकर) आप को क्या लगता है, अमेरिका को पता नही था कि लादेन अटेक का प्लान कर रहा हैं, पता था.. लेकिन उनका एप्रोच क्या था? "कौन लादेन.. अच्छा वो अफ़ग़ानिस्तान की पहाडियो में गधा चराने वाला जाहिल"? उस "सिविल इंजियर" जाहिल ने अमेरिका के सीने पे खड़े उनके अभिमान स्वरूप वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को पलक जेबकते उड़ा दिया। अब बताइये उस जाहिल को कैसे पता था कि जो प्लेन वो हाइजेक करने वाले थे उसमे एक ही जर्मन ऑफिसर होगा, कैसे प्लेन में एक सुई भी ले ने नही देने जाते वहा पे वो कटर नाइफ कैसे ले जा सके और कैसे सिफत से उस ओफिसर को पहचान कर के सुला दिया? कैसे उनो ने ऑस्ट्रेलिया जाने वाली flight को new york की और डाइवर्ट कर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ा दिया। सबसे बड़ा सवाल था ये सब हुआ कैसे? क्यों अमेरिकन एजंसिस इस "कैसे" को दो साल तक एड़ी चोटी का ज़ोर लगाने के बाद भी पूरी तरह सॉल्व नही कर पाए क्यों कि उन्हों ने अपनी जांच कुछ suspects की जुबानी के आधार पर ही रखी थी , इसी लिए वो केस की सतह तक नही जा पाए।
इस केस में भी ऐसा हो सकता है ना। आप मुजे जो पूछेंगे उस में मुजे पता है उतना सब बताऊंगा लेकिन वो आप को इस केस में आगे आने केलिये कितना मदद करेगा ये नही के सकता।

(राठोड सुमित को न समाज सके वैसी निगाहों से देखता है और उसी वक्त उसका फोन बजता है)

राठोड: हा, बोल.. (सामने से बात होती है वो ध्यान से सुनता है ..फिर..) are you sure? कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए, चाहे तो एकाद घंटा और लेले। (सामने से फिर कुछ बात होती है.. फिर) हम.. मुजे डाउट तो था bt now its100% clear.. Good Job Man.. (कह कर फोन रखता है और फिर पैनी नजरो से सुमित को देखता है) आप के कहने के अनुसार मेने और सोलंकी ने हमारे नेटवर्क्स को ऐक्टिवेट किया उस कालरा को ट्रैक करने केलिये.. and आप को जान के आश्चर्य होगा कि हमे क्या मिला।

सुमित( उतेजना में ) क्या?

(राठोड बेड के पास के स्टूल पे बैठा हुआ ही सुमित की और जुकता है और .. धीमी लेकिन कठोर आवाज में..)
राठोड: कालरा does not exist.

सुमित: ( पूरी और बुरी तरह चोंक के) क्या?? क्या कह रहे है आप?

राठोड: (भुनभुनाते हुए ) यही की... कालरा नाम का कोई भी आदमी इस सिंडिकेट में या किसी भी सिंडिकेट में जो गुलाम से जुड़ा है , इन्वॉल्व नही है।
There is no Person Name Kalra is existing in any Syndicate.

(सुमित पूरी तरह चोंक जाता है , वो यह समझ ही नही पाता कि ऐसे कैसे हो सकता है, क्या ये इतना गहरा और पेचीदा खेल है जिसे वो समाज नही सका.? वो सोच में खो जाता है और उसे एक तीखी निगाहों से राठोड देखता रहता है।)