मे चाचा चाची और उनके बच्चो को लेकर घर को आया। जहा लाला और मनोहर चाचाजी जोकी वेह मेरे पीताजी के काफी अछे दोस्त थे। लाला बोला आइ गवा बचवा; जी हा शेठ आ गये और चाचाजी के पुरे परिवार को साथ लाया हु। अरे बचवा ई शेठ शेठ का कहत हो;अब तो हम तुम्हारे ससुर लगत हे;तनीक हमका पीताजी बुलाई लो जोकी हमरी बेटी भी हमको पीताजी कहत हे। ठीक हे लालाजी अब हम आपको पीताजी कहेके बुलाऐंगे। लाला ने चाचाजी बोला की मंगनी की तैयारी करते हे; पंडित ने इस महिने का मुर्हुत नीकाला हे। चाचाजी बडे आदर्श