Kishanlal Sharma ની વાર્તાઓ

जिंदगी के रंग हजार - 9

by किशनलाल शर्मा
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पत्नी की डिलीवरी पर मैं काफ़ी परेशान रहा था।और पत्नी की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी।पत्नी को एक महीने ...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 9

by किशनलाल शर्मा
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गुफा का द्वार बंद करके सुग्रीव वापस लौट आया था।उसने रोते हुए सारा समाचार मंत्री व सभा के अन्य ...

बन्धन प्यार का - 23

by किशनलाल शर्मा
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शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में ...

एक अदद औरत - 5

by किशनलाल शर्मा
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कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी ...

बन्धन प्यार का - 22

by किशनलाल शर्मा
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"लड़का तो सुंदर है"फातिमा फोटो देखकर बोली थीलड़के में कोई ऐब तो नही है"जफर हीरा हैअसलम ने खूब तारीफ ...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 8

by किशनलाल शर्मा
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इसी ल के गम घमंड में उसने समुद्र को लड़ने की चुनौती दे डाली.।समुद्र ने कोई जवाब नही दियाया।जब ...

बन्धन प्यार का - 21

by किशनलाल शर्मा
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"हा।मेरे वालिद ने मेरा निकाह अपने मजहब के लड़के से ही किया था"फिर तो तू। अपने अतीत को भूली ...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 7

by किशनलाल शर्मा
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"भैया यह सब मेरी वजह सेलक्ष्मण भाई को सम्हालने लगें।सीता का हरण दोनों भाइयों के आत्मसम्मान पर गहरी चोट ...

बन्धन प्यार का - 20

by किशनलाल शर्मा
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हिना मा के साथ मेट्रो में बैठ गयी थी।नरेश जनता था उसकी माँ को पूजा पाठ में बहुत समय ...

अनुबंध

by किशनलाल शर्मा
  • 1.5k

"तो तुमने जाने का फैसला कर लिया हैरमन भारत का रहने वाला था।उसकी अमेरिका में एक कम्पनी में नौकरी ...