Dilki Baatein book and story is written by Vrishali Gotkhindikar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dilki Baatein is also popular in कविता in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दिलकी बाते - उपन्यास
Vrishali Gotkhindikar
द्वारा
हिंदी कविता
जलवे .. जुल्फ है या कोई घना कोहरा .. घटाए शायद दे रही है पेहेरा .. आखोमे छुपे है “मंजर”कई.सारे मस्तीके दिखते है हसीन नजारे . चेहेरेकी “रौनकका क्या कहना .. मुश्कील है .देखकर खुदको सांभालना.. खुदा भी देखो कैसे कैसे “जलवे “बनाता है .. देखने वालोको बस !!पागल कर देता है !! ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ दोस्ती दोस्ती हमने भी कि थी...दिल लगाकर, चाहा था निभायेंगे आखिरतक.., पर र्शायद वक्तकी मर्जी नही है...., चलो ठीक है...ये ही सही.. अगर याद ही नही आती उन्हे हमारी .. तो हम क्यों उन्हे अपनी जिंदगीमें शामिल करे..? अगर उन्हे फुरसत नही हमारे
जलवे .. जुल्फ है या कोई घना कोहरा .. घटाए शायद दे रही है पेहेरा .. आखोमे छुपे है “मंजर”कई.सारे मस्तीके दिखते है हसीन नजारे . चेहेरेकी “रौनकका क्या कहना .. मुश्कील है .देखकर ...और पढ़ेसांभालना.. खुदा भी देखो कैसे कैसे “जलवे “बनाता है .. देखने वालोको बस !!पागल कर देता है !! ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ दोस्ती दोस्ती हमने भी कि थी...दिल लगाकर, चाहा था निभायेंगे आखिरतक.., पर र्शायद वक्तकी मर्जी नही है...., चलो ठीक है...ये ही सही.. अगर याद ही नही आती उन्हे हमारी .. तो हम क्यों उन्हे अपनी जिंदगीमें शामिल करे..? अगर उन्हे फुरसत नही हमारे
..दिलके राज ..! ...और पढ़े दिलके हसीन राज किसीको बताये कैसे , छुपाना .भी चाहे अगर ...तो छुपाये ..कैसे ?? किसीसे हो गई .है "उल्फत ".तडपते रहते है ..दिनरात .. मगर वो ऐसे "बेखबर ".समझते ..है ना ये "जजबात " कोई .उनसे ये जा..कह् .दे "रहम कर दे ..रहम कर दे " ये .दिलकी "पाक " बाते है .इन्हे "नासमझी "..ना कर दे .. वो ले ले "इम्तेहान ".अपना ..रहेंगे अब न पीछे हम .. बस ..उनकी ."हां "..की ही खातीर .. हमने ..रख्खा ..है ..ये .."दम " ...! ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- भंवरें......