Dr Vinita Rahurikar ની વાર્તાઓ

लौट जाओ शैली... - 3 - अंतिम भाग

by Dr Vinita Rahurikar
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भाग-3 जिम की वार्षिक पार्टी में शैली ने फिर विनीत के साथ खूब एंजॉय किया। विनीत के बेटे की ...

लौट जाओ शैली... - 2

by Dr Vinita Rahurikar
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भाग-2 सच तो यह था कि शैली भी अब यह महसूस करने लगी थी कि विनीत जीवन में उसे ...

लौट जाओ शैली... - 1

by Dr Vinita Rahurikar
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भाग-1 "पूनम राज को फोन करके बता दो कमर्शियल होम जिम का केबल टूट गया है और कोने वाली ...

छत और छाता...

by Dr Vinita Rahurikar
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मन भर कर शॉपिंग करने के बाद ढेर सारी शॉपिंग बैग्स से लदी नेहा अपने पाँच वर्षीय बेटे के ...

चेस्ट ऑफ ड्रॉवर...

by Dr Vinita Rahurikar
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काम ख़त्म होने के बाद ज़रा कमर सीधी करने के ख़्याल से अर्पिता कमरे में आकर पलंग पर लेट ...

कच्ची डगर....

by Dr Vinita Rahurikar
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आज खाना बनाते हुए सीमा के मन में विचारों की तरंगे उठ रही थी रह-रहकर। पिछले कई दिनों से ...

समझौता नहीं समर्पण

by Dr Vinita Rahurikar
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समझौता नहीं समर्पण “ रिश्ते बनते तो प्यार से है लेकिन निभाए समझौते से ही जाते है. जो ...

मन्नतों का घर

by Dr Vinita Rahurikar
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मन्नतों का घर मंदिर तक ऊपर अब तो गाड़ी आज आने लगी है। एकदम मंदिर के सामने तो नहीं ...

बरसते मेंह में....

by Dr Vinita Rahurikar
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बरसते मेंह में.... "क्या तकलीफ है?" चेहरे से नोज मास्क हटाते हुए उसने पूछा। "जी पीछे की दाढ़ में ...

टेबल नम्बर सत्रह...

by Dr Vinita Rahurikar
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टेबल नम्बर सत्रह... अपने दोस्तों के साथ जब संदीप ने भरी दोपहरी में तालाब के किनारे बने खूबसूरत रेस्तराँ ...