Vijay Erry ની વાર્તાઓ

अद्भुत शक्ति

by Vijay Erry

तो आओ मेरे मित्र, अब हम उसी गुफा में फिर उतरें, लेकिन इस बार आँसुओं के साथ।अब हम अर्जुन ...

एक अद्भुत अह्सास

by Vijay Erry
  • 195

काशी : एक अद्भुत अह्सासलेखक : विजय शर्मा एरीशब्द संख्या : लगभग १५००सूरज अभी पूरी तरह उगा भी नहीं ...

दूसरा चेहरा

by Vijay Erry
  • 363

दूसरा चेहरालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चकाचौंध भरी शामें हमेशा धोखा देती हैं। नेहरू प्लेस की ऊँची-ऊँची इमारतों के ...

आधी कथा

by Vijay Erry
  • 441

आधी कथालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों से दूर, एक पुराना सा मोहल्ला था, जहाँ समय जैसे ...

सुख की कामना

by Vijay Erry
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सुख की कामनालेखक: विजय शर्मा एरी(लगभग १५०० शब्दों की कहानी)गाँव का नाम था नंदगाँव। पहाड़ों के बीच बसा यह ...

अधूरा मिलन

by Vijay Erry
  • 966

अधूरा मिलनलेखक: विजय शर्मा एरीदिल्ली की सर्द हवाएँ नवंबर के आखिरी दिनों में कुछ ज्यादा ही ठंडी लगती हैं। ...

एक अनोखा डर

by Vijay Erry
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एक अनोखा डरलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००रात के दो बज रहे थे। दिल्ली की उस ऊँची इमारत ...

जीवन के रंग

by Vijay Erry
  • 452

जीवन के रंगलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव था छोटा-सा, नाम था रंगपुर। नाम के मुताबिक़ गाँव रंगों ...

अनजाना साया

by Vijay Erry
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अनजाना सायालेखक: विजय शर्मा एरी(लगभग १५०० शब्द)गाँव का नाम था कालाकाँकर। पहाड़ियों के बीच बसा वो गाँव सदियों से ...

गुप्त धन

by Vijay Erry
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गुप्त धनलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों के नीचे बसी यह छोटी-सी बस्ती ...