Vijay Erry ની વાર્તાઓ

आधी कथा

by Vijay Erry
  • 219

आधी कथालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों से दूर, एक पुराना सा मोहल्ला था, जहाँ समय जैसे ...

सुख की कामना

by Vijay Erry
  • 309

सुख की कामनालेखक: विजय शर्मा एरी(लगभग १५०० शब्दों की कहानी)गाँव का नाम था नंदगाँव। पहाड़ों के बीच बसा यह ...

अधूरा मिलन

by Vijay Erry
  • 534

अधूरा मिलनलेखक: विजय शर्मा एरीदिल्ली की सर्द हवाएँ नवंबर के आखिरी दिनों में कुछ ज्यादा ही ठंडी लगती हैं। ...

एक अनोखा डर

by Vijay Erry
  • 867

एक अनोखा डरलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००रात के दो बज रहे थे। दिल्ली की उस ऊँची इमारत ...

जीवन के रंग

by Vijay Erry
  • 383

जीवन के रंगलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव था छोटा-सा, नाम था रंगपुर। नाम के मुताबिक़ गाँव रंगों ...

अनजाना साया

by Vijay Erry
  • 636

अनजाना सायालेखक: विजय शर्मा एरी(लगभग १५०० शब्द)गाँव का नाम था कालाकाँकर। पहाड़ियों के बीच बसा वो गाँव सदियों से ...

गुप्त धन

by Vijay Erry
  • 708

गुप्त धनलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों के नीचे बसी यह छोटी-सी बस्ती ...

बेमिसाल यारी

by Vijay Erry
  • 633

बेमिसाल यारीलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००१गाँव का नाम था कल्याणपुर। गंगा किनारे बसा यह गाँव आज भी ...

सपनों की बारिश

by Vijay Erry
  • 683

सपनों की बारिशलेखक: विजय शर्मा एरी(अजय के लिए समर्पित)भाग १: बादलों का आनाअजय की आँखें खुलीं तो कमरे में ...

काल की पुकार

by Vijay Erry
  • 933

काल की पुकारलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)गाँव का नाम था कालपुर। चारों तरफ़ घने जंगल, बीच में ...