Vandana Gupta ની વાર્તાઓ

वो होती तो...

by Vandana Gupta
  • 4.4k

वो होती तो... स्त्री, शब्द ही काफी है खुद को व्यक्त करने को, पीड़ा और सहनशीलता की मिसाल सामने ...

वो 22 दिन

by Vandana Gupta
  • 5.5k

वो 22 दिन “किसे ज्यादा प्यार करती है मम्मी को या बाऊजी को ?” “मम्मी को” एक अबोध बालक ...

नई सुबह.

by Vandana Gupta
  • 5.2k

नई सुबह माधव का नाम साहित्य जगत का एक जाना -पहचाना नाम था.उसकी कलम से निकला हर शब्द पढने ...

चालीस पार की औरत और एक प्रश्न?

by Vandana Gupta
  • 16.2k

चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? चाँदनी रात के नाम से मशहूर गोष्ठी जिसमें तारों की छाँव में ...

कातिल कौन ?

by Vandana Gupta
  • 7.1k

कातिल कौन ? “क्योंकि औरत होना पहला गुनाह है” “उसका दूसरा गुनाह है बाप दादा भाइयों की मिलकियत बन ...

कर्तव्यपालन की सज़ा

by Vandana Gupta
  • 4.7k

कर्तव्यपालन की सज़ा जब जल्दी हो तो सारे काम भी उल्टे होते हैं. कभी हाथ से दूध गिरता है ...

उम्मीद.

by Vandana Gupta
  • 5k

उम्मीद क्या सबके साथ ही ऐसा होता है ? जब धडकनों के स्पंदन चुगली करने लगते हों, आँखें हर ...

ब्याह ??? - 2 - अंतिम भाग

by Vandana Gupta
  • (4.6/5)
  • 5.2k

ब्याह ??? (2) “ मौसी, आज सारी दुनिया के लिए मैं ही गुनहगार बना दी गयी मगर यदि आप ...

ब्याह ??? - 1

by Vandana Gupta
  • (3.6/5)
  • 5.9k

ब्याह ??? (1) “नैन नक्श तो बडे कंटीले हैं साफ़ सुथरे दिल को चीरने वाले गर जुबान पर भी ...

बुरी औरत हूँ मैं - 4 - अंतिम भाग

by Vandana Gupta
  • 7k

बुरी औरत हूँ मैं (4) अब जरूरत थी एक सिरा पकड़ने की. पहले नौकरी की व्यवस्था करनी जरूरी थी ...