VAISHNAVI PADVI ની વાર્તાઓ

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 7

by Vaishnavi padvi
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आगे मिसेज शर्मा कहती है! " अभी तो आया है ! इसे थोड़ा आराम तो करने दे! आये नहीं ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 6

by Vaishnavi padvi
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तभी दरवाजा खुलने की आवाज आती है! रतन छुप जाता है| नयन अंदर बड़बड़ाते हुए आती है और केहती ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 5

by Vaishnavi padvi
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ध्रुव जाने ही वाला होता है के अभी नयन बोली! "भाई मैं ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 4

by Vaishnavi padvi
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सारे लोग मिसेज शर्मा की और आश्चर्यचकित होकर देखने लगते हैं! नयन अपने भाई की और देखकर मनमे बोलती ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 3

by Vaishnavi padvi
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इन सबसे अंजान ध्रुव वहासे चला जाता है | अस्पताल से पता चलता है , के उस लड़के को ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 2

by Vaishnavi padvi
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तभी पीछेसे कोई आता है ! और नयन के गले में प्यारसा नेकलेस पेहना देता है| नयन पीछे मुड़ती ...

अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1

by Vaishnavi padvi
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जिंदगी के कुछ पहलू ऐसे होते हैं, जो रिश्ते में उलझे रह जाते हैं| ख़ुशी- गम या नफ़रत जैसे ...