Urvi Vaghela ની વાર્તાઓ

यादों की अशर्फियाँ - 15. 9th के आखरी दिन

by Urvi Vaghela
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15. 9th के आखरी दिन 9th हमारे लिए सिर्फ एक कक्षा नहीं थी पर जीवन का एक खुसबूरत ख्वाब ...

यादों की अशर्फियाँ - 14. पेपरस्टाइल - द बिग इश्यू

by Urvi Vaghela
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14. पेपरस्टाइल : द बिग इश्यू "अब तो दीपिका मेम की तरह गाड़ी लेकर , गोगल्स पहनकर कौन आएगा? ...

यादों की अशर्फियाँ - 13. दीपिका मेम का रिजाइन

by Urvi Vaghela
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13. दीपिका मेम का रिजाइन जय मच्छरा दादा, बोलो जय मच्छरा दादा डेंगू, मलेरिया कराने वाले, जय मच्छरा दादा ...

यादों की अशर्फियाँ - 12. दीपिका मेम की अच्छाई

by Urvi Vaghela
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12. दीपिका मेम की अच्छाई दिसम्बर की कातिल ठंडी ने अपनी औकात दिखनी शुरू कर दी थी। सुबह हमे ...

यादों की अशर्फियाँ - 11. कम्प्यूटर लैब की धमाल.

by Urvi Vaghela
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11. कम्प्यूटर लैब की धमाल धीरे धीरे सूर्य की गरमी कम होती गई जेसे ही शरदी की मौसम ने ...

यादों की अशर्फियाँ - 10. टाईम टेबल की लड़ाई

by Urvi Vaghela
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वेकेशन के बाद 10. टाईम टेबल की लड़ाई दिवाली की छुट्टियों के बाद फुलगुलाबी ठंडी में स्कूल फिर शुरू ...

यादों की अशर्फियाँ - 9. दिवाली की छुट्टियां

by Urvi Vaghela
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9. दिवाली की छुट्टियां नवरात्रि में खूब मज़ा करने के बाद परीक्षा हमारा इंतजार कर रही थी। मुझे मौखिक ...

यादों की अशर्फियाँ - 8. सबसे अदभुत नवरात्रि

by Urvi Vaghela
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8. सबसे अदभूत नवरात्रि गाना और नाचना सबका स्वभाव होता है और अनिवार्य भी। माना कि सबको अपने रुचि ...

यादों की अशर्फियाँ - 7. शिक्षक दिन

by Urvi Vaghela
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7. शिक्षक दिन रिसेस का वक्त था। सभी अपने अपने चहीते मित्र के साथ राउंड बनाकर नाश्ता कर रहे ...

यादों की अशर्फियाँ - 6. स्वतंत्रता दिन

by Urvi Vaghela
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6. स्वतंत्रता दिन देशभक्ति को जगाने का उत्तम साधन बचपन का स्वतंत्रता दिन ही होता है जो स्कूल में ...