प्यारे तुम मुझे भी अपना लो ।गुमराह हूं कोई राह बता दो।युं ना छोडो एकाकी अभिमन्यु सा ...
(बाधाएं और कठिनाइयां हमें कभी रोकती नहीं है अपितु मजबूत बनाती है) लफ़्ज़ों से कैसे कहूं कि मेरे ...
(मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही ...
मेरे मुख-मंडल में सिर्फ एक ही बात का मसला लगा रहता है । दिनों-दिन हो रहे दंगा-फसाद, चोरी-डकैती ..जैसे ...
( 'प्रेम जगत 'संसार का रंगमंच है और हम सभी इस रंगमंच के पात्र।)विज्ञो ...
जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,वो जीना जानते हैं |ना जख्मों को सीना जानते हैं ||तुम ...
बेवफा ! अपनों के लिए ... ओ ' धन्य ' जिसने आंख बन्द होते हुए ...