डॉ. शैलजा श्रीवास्तव ની વાર્તાઓ

साथिया - 132

by Dr. Shelja
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'जिस भाई को बचपन से राखी बांधती आई। जिसने आपको हमेशा स्नेह दिया सम्मान दिया। उसी के खिलाफ जा ...

साथिया - 131

by Dr. Shelja
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दोनों पक्ष अपनी पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में हाजिर थे। आज फिर से अक्षत के साथ सांझ आई ...

साथिया - 130

by Dr. Shelja
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सभी आरोपियों को पुलिस वापस ले गई और अक्षत तुरंत वहाँ मौजूद अपने साथी वकील के कैबिन की तरफ ...

साथिया - 129

by Dr. Shelja
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सुरेंद्र जी विटनेस बॉक्स मे आकर खड़े हो गए।"तो बताइए सुरेंद्र जी आपका क्या रिश्ता है निशांत गजेंद्र और ...

साथिया - 128

by Dr. Shelja
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केस की शुरुआत हो चुकी थी और अक्षत की तरफ से केस नील ने लड़ा। जहां पर अक्षत उसका ...

साथिया - 127

by Dr. Shelja
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नेहा और आनंद के जाने के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई उसे बहुत ही बुरा लग रहा ...

साथिया - 126

by Dr. Shelja
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"आप सांझ को जानते हैं क्या.." तभी अचानक से नेहा बोली तो अक्षत के चेहरे की मुस्कुराहट बड़ी हो ...

साथिया - 125

by Dr. Shelja
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उधर ईशान के कमरे मे"छोड़ो ना मुझे इशू देखो सुबह हो गई है। सब लोग उठ गए होंगे और ...

साथिया - 124

by Dr. Shelja
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तु मेरे पास है मेरे साथ है और इससे खूबसूरत कोई एहसास नही। आज सुकून मिला है इस बेताब ...

साथिया - 123

by Dr. Shelja
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मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में बेड पर बिठाया और उसका घूंघट नीचे कर दिया ...