Saroj Verma ની વાર્તાઓ

अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१८)

by Saroj Verma
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सतरुपा बार मालिक के सवाल से परेशान हो उठी तभी वहाँ पर प्रकाश मेहरा जी आए,जिनकी पार्टी में सतरुपा ...

लागा चुनरी में दाग़--भाग(९)

by Saroj Verma
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अब प्रत्यन्चा और शौकत को भागते हुए सुबह हो चुकी थी,वे दोनों एक सड़क से पैदल गुजर ही रहे ...

अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१७)

by Saroj Verma
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इन्सपेक्टर धरमवीर घर पहुँचे और उन्होंने डेटेक्टिव करन थापर को फोन पर शिरिष की कहीं सभी बातें सुना डाली,बातें ...

लागा चुनरी में दाग़--भाग(८)

by Saroj Verma
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प्रत्यन्चा के हाथ पैर बँधे हुए थे और वो उस समय खुद को छुड़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही ...

अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१६)

by Saroj Verma
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शिशिर हैंडसम था तो देविका आसानी से उसके जाल में फँस गई,शिशिर ने बहुत कोशिश की कि उसे देविका ...

लागा चुनरी में दाग--भाग(७)

by Saroj Verma
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इधर प्रमोद मेहरा जी अपने परिवार के साथ टैक्सी पकड़कर रीगल सिनेमा से अपने घर वापस आ गए और ...

अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१५)

by Saroj Verma
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ये उन दिनों की बात है जब दिव्यजीत सिंघानिया और मेरी बहन जिज्ञासा होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे ...

लागा चुनरी में दाग--भाग(६)

by Saroj Verma
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अभी सुबोध को घर आए दो चार दिन ही हुए थे और दीवाली आने में भी दो चार दिन ...

अमानुष-एक मर्डर मिस्ट्री - भाग(१४)

by Saroj Verma
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तब सतरुपा बोली... "ओह...तभी सिंघानिया रात को घर नहीं आया था कह रहा था कि रात को फार्म हाउस ...

लागा चुनरी में दाग-भाग(५)

by Saroj Verma
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प्रमोद जी के हँसने पर प्रत्यन्चा ने पूछा.... "अब इसमें इतना हँसने की क्या बात है?" "वो तो मैं ...