Saadat Hasan Manto ની વાર્તાઓ

हुस्न कि तख़लीक़

by Saadat Hasan Manto
  • (3.8/5)
  • 35k

कॉलिज में शाहिदा हसीन-तरीन लड़की थी। उस को अपने हुस्न का एहसास था। इसी लिए वो किसी से सीधे ...

हारता चला गया

by Saadat Hasan Manto
  • (3.7/5)
  • 23.1k

लोगों को सिर्फ़ जीतने में मज़ा आता है। लेकिन उसे जीत कर हार देने में लुत्फ़ आता है। जीतने में ...

हामिद का बच्चा

by Saadat Hasan Manto
  • (4/5)
  • 14.7k

लाहौर से बाबू हरगोपाल आए तो हामिद घर का रहा ना घाट का। उन्हों ने आते ही हामिद से ...

हाफ़िज़ हुसैन दीन

by Saadat Hasan Manto
  • (4.2/5)
  • 12.6k

हाफ़िज़ हुसैन दीन जो दोनों आँखों से अंधा था, ज़फ़र शाह के घर में आया। पटियाले का एक दोस्त ...

हरनाम कौर

by Saadat Hasan Manto
  • (4.1/5)
  • 16.9k

निहाल सिंह को बहुत ही उलझन हो रही थी। स्याह-व-सफ़ैद और पत्ली मूंछों का एक गुच्छा अपने मुँह में ...

हतक

by Saadat Hasan Manto
  • (4.2/5)
  • 39.7k

दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल ...

हज्ज-ए-अकबर

by Saadat Hasan Manto
  • (4.1/5)
  • 11.3k

इम्तियाज़ और सग़ीर की शादी हुई तो शहर भर में धूम मच गई। आतिश बाज़ियों का रिवाज बाक़ी नहीं ...

हजामत

by Saadat Hasan Manto
  • (4.1/5)
  • 12.9k

“मेरी तो आप ने ज़िंदगी हराम कर रखी है…. ख़ुदा करे मैं मर जाऊं।” “अपने मरने की दुआएं क्यों मांगती ...

स्वराज के लिए

by Saadat Hasan Manto
  • (4.6/5)
  • 14.9k

मुझे सन याद नहीं रहा। लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़िलाब ज़िंदाबाद के नारे गूंजते ...

सौदा बेचने वाली

by Saadat Hasan Manto
  • (4.2/5)
  • 17.1k

सुहैल और जमील दोनों बचपन के दोस्त थे...... उन की दोस्ती को लोग मिसाल के तौर पर पेश करते ...