Ruchi Dixit ની વાર્તાઓ

आज मेरा जन्मदिवस (अक्टूबर - 2)

by Ruchi Dixit
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आज मेरा जन्मदिवस है | 2 अक्टूबर , हाँ ! आज के विचार रूपी विचित्र पुष्प इसी पौधे से ...

आत्मग्लानि - भाग -2

by Ruchi Dixit
  • 5.1k

आगे....बार -बार कोमल का मेरी तरफ देखना वहीं मेरी नजर का इत्तेफाकन उससे टकरा जाना जैसे वह मुझसे कुछ ...

आत्मग्लानि - भाग -1

by Ruchi Dixit
  • 6.5k

माई थब थाई दये !! तैं दंदी है | तै हमछे बात न कलिहै | आज यह स्वर कानो ...

पश्चाताप. - 15

by Ruchi Dixit
  • 5.1k

आज पूर्णिमा के लिए बेहद ही खुशी का दिन था उसके गुजरे हुए दिनो मे यह पहला ऐसा दिन ...

पश्चाताप. - 14

by Ruchi Dixit
  • 5.5k

दो दिन मे ही प्रतिमा को मुकुल की पत्नि निशा का व्यवहार समझ मे आ गया , पूर्णिमा ...

पश्चाताप. - 13

by Ruchi Dixit
  • 5.6k

निशा का बर्ताव पूर्णिमा के प्रति दिन प्रतिदिन अपमानजनक हो रहा था कि , एक दिन चिल्लाते हुए " ...

पश्चाताप. - 12

by Ruchi Dixit
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ग्यारहवें भाग मे आपने पढ़ा शशीकान्त का पूर्णिमा के बच्चों के प्रति बदलाव उनके भविष्य को लेकर उसे ...

इच्छा - 20

by Ruchi Dixit
  • (4.7/5)
  • 7.5k

दोपहर लगभग बारह बजे इच्छा पैकिंग मे व्यस्त थी कि तभी, डोरबेल बजती है | इच्छा दरवाजा खोलती है ...

पश्चाताप. - 11

by Ruchi Dixit
  • 7.4k

लगभग दो घण्टे के पश्चात शशिकान्त की माँ की आँखें बाबू के रोने के साथ ही खुल जाती हैं ...

इच्छा - 19

by Ruchi Dixit
  • 7.2k

कई सप्ताह बीत जाने पर भी दोनो के मन से कम्पनी से निकाले जाने का भय नही गया था ...