Rakesh Rakesh ની વાર્તાઓ

दुश्मन

by Rakesh Rakesh
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समाज सुधारक राजा राममोहन राॅय जी की तरह अगर पूरा देश सोच तो…. “बस बस अपना भाषण बंद करो ...

ग़रीबी

by Rakesh Rakesh
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सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर ...

खुशी का राज

by Rakesh Rakesh
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कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी ...

काश हम भविष्य देख पाते

by Rakesh Rakesh
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अपने सात बेटों और दो पोतो की चिता को अग्नि देते हुए अमर बहादुर शर्मा सोचता है काश! मैं ...

श्रृंगार या संघर्ष

by Rakesh Rakesh
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“क्यों डांट रहे थे तेरे बड़े भैया।” वृंदा पूछती है?“यह मेरे भाई नहीं मेरे चाचा है, कह रहे थे ...

काश तुम हमारे होते

by Rakesh Rakesh
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“बेटा जरा पता तो करो की रेल यमुना के पुल के बीचो-बीच क्यों रुक गई है।” यह बात बुजुर्ग ...

दीवानी चुड़ैल

by Rakesh Rakesh
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सर्दी के मौसम में कड़ाके कि ठंड में रात के 2:00 बजे अपने दोस्त की बहन की शादी से ...

अभागन कहीं की

by Rakesh Rakesh
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काजल को पता था कि मेरी विधवा मां मेरा और मेरे छोटे भाई दीपू का पेट आज तक घरों ...

सारे पति कवि

by Rakesh Rakesh
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शादी के छ वर्ष बाद भी जब कविता मां नहीं बनती है तो उसकी सास उसे घर से भागकर ...

सच्चा हमदर्द

by Rakesh Rakesh
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"अम्मी इस बार में आपको एक महीने पहले याद दिला रही हूं कि 22 जनवरी आने वाली है और ...