Rajesh Bhatnagar ની વાર્તાઓ

ये कहां आ गये हम

by Rajesh Bhatnagar
  • 4.3k

कहानी- ये कहां आ गये हम ...

जन्म दिन

by Rajesh Bhatnagar
  • 4.6k

कहानी- “जन्म दिन” ...

भटके हुये लोग

by Rajesh Bhatnagar
  • 6.4k

भटके हुये लोग “अब क्या खून पियेगा मेरा ? शरीर मे दूध बचा हो तो तुझे पिलाऊ ? जा, ...

फाँस

by Rajesh Bhatnagar
  • 5.4k

फाँस कमली न जाने क्यों मन में ईर्ष्या की गांठ लिये बड़ी देर तक मकान के छज्जे की छाया ...

और सूरज डूब गया

by Rajesh Bhatnagar
  • 11.1k

और सूरज डूब गया राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़को को रौंदते ट्रकों की आवाज़ंे हाइवे के सुनसान वातावरण को जैसे ...

अन्दर का आदमी

by Rajesh Bhatnagar
  • 5.5k

अन्दर का आदमी वह नमस्कार के बाद चुपचाप जाकर कुर्सी पर बैठ गया । उसने देखा कि निर्मला उसे ...

अनोखी वफ़ा

by Rajesh Bhatnagar
  • (4.2/5)
  • 5.6k

अनोखी वफ़ा राजेश कुमार भटनागर जब सांझ गहराकर काली पड़ने लगती और रात का अंधेरा अपनी बाहें फैलाने लगता ...

आधा सुख-आधा चांद

by Rajesh Bhatnagar
  • 10k

घड़ी ने रात के बाहर बजा दिये । घड़ी का अलारम टन...टन....टन... करता हुआ बारह बार बोलकर खामोष हो ...

नीम का पेड़

by Rajesh Bhatnagar
  • 9.5k

ज़िन्दगी की हज़ारों षामों की तरह ही आज की शाम भी ढलने को थी । सूरज उसके आंगन के ...

कराहती सांझ

by Rajesh Bhatnagar
  • 4.1k

आज राजन की बीमारी को पूरे आठ माह हो चुके थे । जबसे डाक्टरों ने राजन को एड्स होने ...