Rajan Singh ની વાર્તાઓ

मुकदमा

by राजन सिंह
  • 5.6k

छोटा सा कमरानुमा सिलनयुक्त कोर्ट रूम, मुज़रिम व मुज़रिमों को पेशी पे मिलने आये स्वजन. भीड़-भाड़ से गचागच था ...

I Miss you

by राजन सिंह
  • (4.3/5)
  • 11.6k

- "हेलो"! - "हाय"! - "हाऊ आर यू डियर"? - "आई एम जस्ट फाईन| एंड यू"? - "आई एम ...

पुरानी-जींस

by राजन सिंह
  • 4.8k

मयकशी ने मयकशी को मयकशी में चूम लिया है...... दिल्लगी ही दिल्लगी में दल्लगी कर झूम लिया है....... नशा ...

इश्क़ तेरे लिए...

by राजन सिंह
  • (3.7/5)
  • 6.2k

पार्क में घूमते-घूमते अचानक एक जगह मेरी नज़र अटक गयी| मैं वहीं सामने के बैंच पे जाकर बैठ गया| ...

इश्क़ बेपरवाह

by राजन सिंह
  • (3.4/5)
  • 9k

सूरज की रौशनी पड़ते ही ओस की बूंद विलुप्त हो जाया करती, दूब कुम्हलाने लगते, रंग सुर्ख गेरुआ हो ...

लव स्ट्रीट

by राजन सिंह
  • (3.5/5)
  • 11.3k

वक्त न जाने कब करवटें बदल कर बाल्य अवस्था से युवा अवस्था में प्रवेश कर चुका था। कोमल गालो ...

प्रेम, रिश्ता, दोस्त, भावनाएं

by राजन सिंह
  • 5.8k

कभी कचौड़ी गली गुजरता, तो कहती रंगबाज है। अगर तुम्हारे काँधों पे सिर रखता पूछती क्या? राज है।। मेरे सीनें पर ...