कृष्ण विहारी लाल पांडेय ની વાર્તાઓ

इतिहास और साहित्य अन्तर निर्भरता

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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इतिहास और साहित्य अंतर निर्भरता केबीएल पांडेय इतिहास सामान्यतः मनुष्य के अतीत की घटनाओं कार्यों और स्थितियों का अध्ययन ...

बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय बोध

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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कृष्ण विहारी लाल पाण्डेय की बुन्देली भाषा विज्ञान सम्बन्धी लेखमाला-बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय-बोधके बी एल पाण्डेयमनुष्य ने ...

दतिया की बौद्धिक सम्पदा

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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लेखदतिया की बौद्धिक संपदा के कुछ प्रतिमानडॉ.के बी एल पाण्डेयदतिया में साहित्य और कला की समृद्ध परंपरा के साथ ...

लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है 

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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o लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है केबीएल पाण्डेय का इंटरव्यूप्रश्न 1 आपके मतानुसार लोक संस्कृति से क्या ...

गांव और लोक संस्कृति

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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गांव और लोक संस्कृतिके बी एल पाण्डेय'लोक' और 'संस्कृति' शब्द कोषतः चाहे.. कितना व्यापक अर्थ रखते हों, किंतु आज ...

ईसुरी का श्रृंगार काव्य

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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ईसुरी का श्रृंगार काव्यडॉ.के. बी. एल.पाण्डेयईसुरी मूलतः श्रृंगार के कवि हैं। उन्होंने भक्ति, वैराग्य, नीति और सामाजिक जीवन पर ...

वल्लभ सिद्धार्थ 

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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वल्लभ सिद्धार्थ का जाना: एक दुःखद दृश्यांतरडॉ. के. बी. एल. पाण्डेयजाना हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है- केदारनाथ सिंह ...

नरोत्तम दस पांडेय मधु

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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शब्द का तर्पण-कवि मधु के नामडॉ.अवध विहारी पाठक बड़े गौर से सुन रहा था जमानातुम्ही सो गए दास्तां कहते ...

पर्वों का लोकायत स्वरूप

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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पर्वों का लोकायत स्वरूप जीवन के निरंतर स्वीकार और परिष्कार के लिए मनुष्य ने भौतिक विस्तार के साथ ही ...

घनश्यामदास पाण्डेय और उनका काव्य

by कृष्ण विहारी लाल पांडेय
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घनश्यामदास पाण्डेय और उनका काव्य वर्तमान शताब्दी के प्रथमार्द्ध में झांसी जिले और उसके आसपास जो काव्य सक्रियता थी ...