Pallavi Saxena ની વાર્તાઓ

साथी - भाग 12 (अंतिम भाग)

by Pallavi Saxena
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भाग -12 उस वक्त पहले वाले ने उससे कुछ नहीं कहा और दोनों चुपचाप ही वापस लौट आये. समय ...

साथी - भाग 11

by Pallavi Saxena
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भाग -11 यह पत्र पढ़कर पहले वाले की आँखों में क्रोध के साथ साथ आँसू भी उमड़ आये और ...

साथी - भाग 10

by Pallavi Saxena
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पहले वाले ने अब भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तब दूसरे वाले को यकीन हो गया कि पहले ...

साथी - भाग 9

by Pallavi Saxena
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अब जब दोनों साथ रहने लगे हैं, तब दोनों ही बहुत खुश हैं. लेकिन कहीं ना कहीं दूसरे वाले ...

साथी - भाग 8

by Pallavi Saxena
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भाग -8 उस रोज तेज बारिश के कारण और आस पास से निकलती हुई गाड़ियों के तेज हॉर्न के ...

साथी - भाग 7

by Pallavi Saxena
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भाग -7 इस दृश्य के बाद पहले वाले की हिम्मत नहीं हुई कि वह फोन उठा पाता. वह बस ...

साथी - भाग 6

by Pallavi Saxena
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भाग -6 वैसा ही ऊँचा लंबा कद लेकिन भिखारियों से भी अधिक गयी गुज़री स्थिति, मेले कुचले फटे हुए ...

साथी - भाग 5

by Pallavi Saxena
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भाग -5 धीरे-धीरे समय निकलने लगा. पहले वाले ने अपनी मेहनत और ईमानदारी के बल पर अपना व्यापार ...

साथी - भाग 4

by Pallavi Saxena
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भाग -4 ‘अरे तू ना एकदम बुद्धू है यार, सब इस दारू की गलती है. सुन ध्यान से ...

साथी - भाग 3

by Pallavi Saxena
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भाग -3 एक ऑफर है तुम्हारे लिए. ‘कैसा ऑफर ?’ ‘अरे तुम चलो तो सही यार....! तुम ना सवाल ...