Sayant ની વાર્તાઓ

स्वयंवधू - 6

by N Vaishali Rao

वृषा को नहीं पता कि एक छोटा सा दाग एक लड़की के जीवन और उसके परिवार की छवि को ...

स्वयंवधू - 5

by N Vaishali Rao
  • 768

"क्या लगा हमे बेघर कर साँस भी ले पाओगी?", मेरी बुआ ने कहा,"किस जोंक से बात खर रही हो?", ...

स्वयंवधू - 4

by N Vaishali Rao
  • 876

अभी तक वृषाली का अपहरण किए उसे कैद में रख, उसका जीवन सामान्य ही चल रहा है लेकिन मासिकधर्म ...

स्वयंवधू - 3

by N Vaishali Rao
  • 855

'समीर बिजलानी और मान्या बिजलानी के बेटे, वृषा बिजलानी अब एकमात्र प्रतिभाशाली उत्तराधिकारी हैं, जो इस कॉर्पोरेट जगत में ...

स्वयंवधू - 2

by N Vaishali Rao
  • 1.3k

"...फिर से कहना?", मुझे एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ,"अभी नहीं!", वह इतना शांत था ...

स्वयंवधू - 1

by N Vaishali Rao
  • 2.7k

मैंने सुना था कि ज़िंदगी सभी को मौका देती है, यहाँ तक कि उसे भी जो इसके लायक नहीं ...