Meenakshi Dikshit ની વાર્તાઓ

“बिशुन बिशुन बार बार” – परम्परा का खोता हुआ प्रवाह

by Meenakshi Dikshit
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उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में लोक पर्वों की बहुतायत है। हिंदी पंचांग के कुछ माह तो ऐसे हैं ...

मेरे हाइकु प्रयास

by Meenakshi Dikshit
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मेरे हाइकु प्रयास हाइकु, कविता का सबसे छोटा स्वरुप । मात्र सत्रह वर्णों में कहनी पूरी बात, ...

और आत्माराम मिल गए......

by Meenakshi Dikshit
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आप संज्ञा शून्य से हो जाते हैं, जब कोई अपना बहुत दूर चला जाता है, अनंत की यात्रा पर,जहाँ ...

वानप्रस्थ संकुल समय की मांग हैं : इसे अन्यथा न लें

by Meenakshi Dikshit
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लगभग एक दशक पूर्व हम केन्द्रीय सेवा के एक उच्चाधिकारी के घर किराये पर रहने गए। उस कोठीनुमा घर ...

ये मेरा और तुम्हारा संवाद है #कृष्ण – 2

by Meenakshi Dikshit
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1. तुम्हारे स्वर का सम्मोहन तुम्हारे अनुराग की तरह, तुम्हारे स्वर का सम्मोहन ...

वो इधर की उधर लगाने वाले विदूषक कब बन गए, पता चला क्या ?

by Meenakshi Dikshit
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सुबह से शाम तक हम सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से अग्रसारित किये जाने वाले अनेकानेक चुटकुले, मेम्स ...

रचनाधर्मियों को गर्भस्थ बेटी का उत्तर

by Meenakshi Dikshit
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सन्दर्भ: कन्या भ्रूण हत्याओं के विरुद्ध जन जागृति के लिए रचनाधर्मियों ने विभिन्न प्रयोग किए. गर्भस्थ (अजन्मी ) ...

“फ्लाइंग किस” सीखना उन पर छोड़ दीजिए

by Meenakshi Dikshit
  • 6.2k

कोरोना काल है I लॉकडाउन के चलते सभी श्रेणियों के कार्यालयों के साथ साथ विद्यालय भी ऑनलाइन होने का ...

वट (सती) सावित्री के बहाने नारीवादी चर्चा

by Meenakshi Dikshit
  • 7.6k

वट सावित्री व्रत/पूजा भारत के भिन्न भिन्न प्रान्तों में ज्येष्ठ माह में की जाती है. वट वृक्ष की छाया ...

ये मेरा और तुम्हारा संवाद है कृष्ण

by Meenakshi Dikshit
  • 10k

1. हमारे प्रेम के अमरत्व का पल तुम्हारा स्वर सदा की तरह, आत्मीयता के चरम बिंदु ...