Mirza Hafiz Baig ની વાર્તાઓ

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 30 - अंतिम भाग

by Mirza Hafiz Baig
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इस कथा के लम्बे सफर में आपने पढ़ा- उल्कानगर के एक बड़े व्यापारी की मुलाकात एक खजाना खोजने वाले ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 29

by Mirza Hafiz Baig
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अनजाने लक्ष्य की यात्रा पेभाग-29मत्स्यमानव की गिरफ्त में“जैसे ही मुझे आपका पता मिला और यह पता चला कि आप ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 28

by Mirza Hafiz Baig
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अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे- भाग-28 कल्पना और यथार्थ ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 27

by Mirza Hafiz Baig
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पिछले भाग में आपने पढ़ा- “यही कि जो अंतिम चीज़ मनुष्य को चाहिये वह है, प्रेम...” व्यापारी ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 26

by Mirza Hafiz Baig
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अब तक आपने पढ़ा... “तुम्हे क्या हुआ है?” व्यापारी ने आश्चर्य से पूछा, “अभी तो कथा में हृदय विदारक ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 25

by Mirza Hafiz Baig
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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि व्यापारी की पत्नि को एक रहस्यमय रोग हो गया। क्या वह रोग है ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 24

by Mirza Hafiz Baig
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अबतक आप ने पढ़ाव्यापारी अपनी पत्नी के साथ अपने परिवार के बीच पहुंचता है। आगे...अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 23

by Mirza Hafiz Baig
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पिछले भाग में आपने पढ़ा कि व्यापारी ने अपनी कथा में बताया कि अभियान सहायक ने किस तरह अपने ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे- भाग -22

by Mirza Hafiz Baig
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पिछले भाग में आपने पढ़ा- अपने मित्र गेरिक, अभियान सहायक और सेनापति के राजनीतिक षड्यंत्रो से व्यापारी क्षुब्ध है। ...

अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग - 21

by Mirza Hafiz Baig
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अब तक आपने पढ़ा... जासूस की पीठ पर वात्सल्य से हाथ फेरते हुये उसे सजा से बचाने की कोशिश ...