Sanjay V Shah ની વાર્તાઓ

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-7

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51) जब हमारा जन्म होता है, तब हमारे बाल सफेद नहीं होते हैं और न ही हमारा शरीर ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग- 6

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३६) स्वयं को सर्वाधिक प्रामाणिक, पारदर्शक व बेबाक बताने की शेखी हर कोई बघारता है, जबकि वास्तविकता एकदम अलग ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-5

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26) दिन भर बारहों घंटे बोलते रहना आसान है, लेकिन बारह मिनट सुनना निहायत कठिन है। बोलने की ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-4

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१८) जितनी उंगलियाँ, उतनी अंगूठियाँ। घर से निकले तो मुहूर्त देखना, किसी भी काम को प्रारम्भ करने के लिए ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-3

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११) मैं सब कुछ जानता हूँ। जो ऐसा कहता है, उसे थोड़ी-सी जानकारी की ताकत का पता नहीं होता ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-2

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५) नदी कभी अपना पानी नहीं पीती। कोई वृक्ष अपने फल नहीं खाता। बारिश की वजह से जो दाने ...

फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-1

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फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन A collection of liveable thoughts © Sanjay V. Shah प्रथम संस्करण ...