Hanif Madaar ની વાર્તાઓ

चरित्रहीन

by Hanif Madaar
  • (3.6/5)
  • 77.9k

औरत के इंसान होने के हक़ की बात करना भी उसके चरित्रहीन होने का प्रमाण घोषित हो जाता हो ...

क्या होगा आन्दोलन से...

by Hanif Madaar
  • 7.9k

आज हमारे भीतर की उलझन एक और एक ग्यारह के बजाय तीन तेरह के सिद्धांत की होने लगी है। ...

“लेडीज क्लब”

by Hanif Madaar
  • (2.4/5)
  • 8.3k

एक शहर के बहाने ही सही अपने समय का इतिहास बनती ऐसी अनेक घटना-परिघटनाओं की आत्मीय एवं गहन पड़ताल ...

पीछे जाते समय में भीष्म साहनी

by Hanif Madaar
  • 8.7k

इस लेख को लिखे जाने के पीछे समय की साम्प्रदायिक स्थितियों परिस्थितियों की रचनात्मक पड़ताल कर एक सार्थक समझ ...

चक्करघिन्नी

by Hanif Madaar
  • (3.7/5)
  • 11.6k

दोहरी मानसिकता के सामाजिक प्रभाव में कसमसाती किन्तु बेहतर मानवीय सामाजिक संरचना के सपने से जूझती कहानी

बंद कमरे की रोशनी

by Hanif Madaar
  • 10.3k

एक समुदाय विशेष के द्वारा किसी भी भाषा पर अपनी बपौती समझ, समाज में साम्प्रदायिक लड़ाई- झगड़े करवाकर लोगों ...

ये है मथुरा मेरी जान....

by Hanif Madaar
  • 13.7k

अनेक राजनैतिक हित स्वार्थों के लिए गढ़ित धारणाओं से ऊपर उठकर मथुरा की सामाजिक सांस्कृतिकता में भारतीय गंगा-जमुनी संस्कृति ...

ईदा

by Hanif Madaar
  • 10.4k

(कहानी) ईदा... — एम0 हनीफ मदार बीस वर्ष लम्बा काल खंड भी ईदा को मेरी मनः—स्मृतियों से मिटा नहीं ...

जश्न-ए-आज़ादी

by Hanif Madaar
  • 7.8k

वर्तमान हालातों में आज़ादी के अर्थ समझने की एक कोशिश ........

पदचाप

by Hanif Madaar
  • 11.9k

‘पदचाप’ एक ऐसे जरुरतमंद किसान की कथा है जिसके पास पर्याप्त धन न होने के कारण खेत की जुताई ...