LM Sharma ની વાર્તાઓ

शैतान का कुचक्र - 2

by LM Sharma
  • 1.4k

अभिमन्यु फस तो गया शैतानों के चक्रव्यूह में परंतु निकालना उसे आया नहीं । धीरे-धीरे मानव भी अभिमन्यु के ...

शैतान का कुचक्र - 1

by LM Sharma
  • 3.4k

कथन बहुत पुराना है। स्वामी विवेकानंद ने एक बार अपने भाषण में कहा था की संचार के साधन संसार ...

व्यथा गुलामी की

by LM Sharma
  • 3.1k

बात 1920 और 1930 के दशक की है। यह वह समय था जब भारत गुलामी की चरम सीमा पर ...

अंत भला हो भला

by LM Sharma
  • 5.6k

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से ...

आंसू सूख गए - 2

by LM Sharma
  • 6.4k

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । ...

आंसू सूख गए - 1

by LM Sharma
  • 8.4k

बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे ...

One night that changed my Life

by LM Sharma
  • 3.6k

The day I retired from army was the most remarkable day. The other remarkable thing about retiring was that ...

Tears have dried

by LM Sharma
  • 4.7k

Every drama of life must end with a happy end. if its end is not happy it can't be ...