कल रात यह क़ुबूल कर लिया कि तुम जा चुकी हो। यूं तो तुम्हारे जाने का सिलसिला महीनों पहले ...
कुछ भी मेरे मनमुताबिक नही होता ,किसी काम से ये सोच कर बाहर जाता हूँ कि पैदल चलने से ...
मेरा एक दोस्त कहता था उसका बचपन से ख़्वाब था कि दिल्ली के किसी अच्छे कॉलेज में पढ़े और ...
मैंने जब तक ताजमहल नही देखा था तो मुझे लगता था की दुनिया कुछ भी कहे ताजमहल इतना भी ...