Kumar Gourav ની વાર્તાઓ

इनामी डाकू

by Kumar Gourav
  • 5.2k

सावन बरसता है तो दिलों में आग लग जाती है । सावन मतलब दनादन चाय पकौड़े भुट्टे और रोमांस ...

छिनाल

by Kumar Gourav
  • 20.3k

टोले के बीचोंबीच था उसका घर । उसका घर मतलब छिनाल का घर । खौफ इतना कि नई पीढ़ी ...

चूरमा प्रसादी

by Kumar Gourav
  • 5.4k

कल विवाह पंचमी पर संस्कृति बचाओ समिति द्वारा चौक पर हर साल की तरह इस बार भी जानकी विवाह ...

कलकत्ता ब्यूटी पार्लर

by Kumar Gourav
  • 5k

रामदेव सिंह के बेटी का ब्याह है। दू फेरा से प्रधान हैं सरकारी इंजीनियर दामाद उतारे हैं । एकदम ...

बेटी और रोटी का रिश्ता

by Kumar Gourav
  • 8.3k

गाँव में पेट्रोल डिजल का रोना नहीं है। उहाँ विकासवा आराम से चाय की टपरी पर सुर्ती मलता है ...

निर्मल

by Kumar Gourav
  • 6.4k

पिछले तीस सालों से वह पंचायत प्रधान थे। लोगों के सुख दुख में वे हमेशा शामिल रहते थे। कारण ...

अरेंज मैरिज

by Kumar Gourav
  • 9.1k

" बधाई हो आप बाप बनने वाले हैं । " सुनकर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने उत्साह ...

तर्पण

by Kumar Gourav
  • 4.7k

रमेसर के बुढ़ौती में जाके औलाद हुआ वो भी बेटी । वरना तो मेहरारू मन में मान चुकी थी ...

दयालु

by Kumar Gourav
  • 7.3k

उससे इश्क भी नहीं था और उसके बिना करार भी नहीं । कहते हैं प्रेम कोई जंगली फूल है ...

हरामी

by Kumar Gourav
  • 7.6k

हरामीसर्दी के मौसम में बस यात्रा में बदन सिकोड़े चुपचाप लघुशंका दबाए बैठा था । ड्राइवर ने ठेके पर ...