Kripa Dhaani ની વાર્તાઓ

दिल जो न कह सका - भाग 2

by Kripa Dhaani
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वनिता ने झट से अपनी कार की खिड़की का शीशा चढ़ा लिया। सिग्नल क्लियर हुआ और कार आगे बढ़ ...

दिल जो न कह सका - भाग 1

by Kripa Dhaani
  • 3.6k

"खूबसूरती न उम्र की मोहताज है न श्रृंगार की। खूबसूरती तो वो है, जो खुशी के रंग से निखरकर ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 5 (अंतिम भाग)

by Kripa Dhaani
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मायरा की आवाज़ नीरा को यादों के भंवर से बाहर खींच लाई, “मम्मी भूख लगी है।” “क्या खाओगी?” पूछते ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 4

by Kripa Dhaani
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तीन बरस बाद वो भी जश्न का ही दिन था। नीरा की शादी के जश्न का दिन। दुल्हन के ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 3

by Kripa Dhaani
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दो साल गुजर गये। नीरा कॉलेज में आ गई। उस दिन कॉलेज के मेन गेट से बाहर निकलती नीरा ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 2

by Kripa Dhaani
  • 1.2k

वह बारिश से भीगा दिन था। सोलह बरस का विवान स्कूल छूटने के बाद साइकिल चलाता हुआ गिटार क्लास ...

पहला प्यार - भाग 8 (अंतिम भाग)

by Kripa Dhaani
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आपके जन्म दिन का उपहार आपकी दोस्त इसाबेला है। आपको जानने का हक है कि आपकी दोस्त और पहला ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 1

by Kripa Dhaani
  • 4.9k

नीरा बरामदे में आराम कुर्सी पर बैठी बारिश की झिलमिलाती बूंदों को टकटकी लगाये देख रही थी। हाथ में ...

पहला प्यार - भाग 7

by Kripa Dhaani
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इसाबेला को फौरन अस्पताल पहुँचाया गया, पर बचाया न जा सका। ज़िन्दगी के आखिरी लम्हों में मैं उसके साथ ...

पहला प्यार - भाग 6

by Kripa Dhaani
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राज की नज़र कब्र पर रखे सफेद गुलाब के नीचे दबे लिफ़ाफ़े पर पड़ी। उसने लिफ़ाफ़ा उठाया और उसे ...