प्रिय दोस्तों, दिल के किसी ...
प्रिय मित्रों, आज छत के बारजे पर बैठकर आसमान में टकटकी लगाए ...
स्नेही पाठकों, केहू सच ही लिखले बाटे कि प्यार बा त जग में बहार बा,प्यार बिना जिंदगी बेकार बा। ...
स्नेही दोस्तों, ...
प्रिय दोस्तों, ...
प्रिय दोस्तों इन नयनों की भाषा भी अजीब है, जो केवल दो लोंगो की ही समझ में आती है। ...
"स्त्री" स्त्री, एक शब्द जो देखने में अधूरा है, लेकिन अपने अंदर ...
"तुम्हारी याद आती है" बरसता है जो ये सावन, तुम्हारी याद आती है, कहाँ तुम हो छुपे प्रियतम, हमें ...
१- ...
१- "पले इंसानियत जिसमें मैं वो दालान हो जाऊं" तमन्ना है तेरे सजदे में मैं,कुर्बान हो जाऊं, चले जो ...