Geetanjali Chatterjee ની વાર્તાઓ

तीसरे लोग - 18 - अंतिम भाग

by Geetanjali Chatterjee
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18. किसना की कविताओं का संग्रह 'झरोखे जिंदगी के' बहुत सुर्खियां बटोर रहा था। उसकी अंतिम इच्छा के अनुसार ...

तीसरे लोग - 17

by Geetanjali Chatterjee
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17. आज सुबह से ही आसमान स्याह बादलों से घिरा हुआ था। रह-रहकर कड़कड़ाती बिजली और बादलों के भयावह ...

तीसरे लोग - 16

by Geetanjali Chatterjee
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16. फाल्गुनी स्मारक के चेंबर में कुछ आवश्यक विषयों पर चर्चा कर रही थी कि हेड नर्स सिस्टर मार्था ...

तीसरे लोग - 15

by Geetanjali Chatterjee
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15. इन दिनों स्मारक, काफी अस्वस्त दिखाई देता। काम की व्यस्तता और अत्यधिकता के चलते न तो वह समय ...

तीसरे लोग - 14

by Geetanjali Chatterjee
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14. नर्मदा नदी की शीतल लहरों को किसना एकटक खिड़की से देख रहा था। शायद उसके भीतर भावनाएं और ...

तीसरे लोग - 13

by Geetanjali Chatterjee
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13. स्मारक और फाल्गुनी जिंदगी की कशमकश से उठ चुके थे | अब उनके पास जीने का एक उद्देश्य ...

तीसरे लोग - 12

by Geetanjali Chatterjee
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12. आज फिर खाना खाते ही किसना को जोरों की मतली आई | वह बाथरूम की ओर भागा और ...

तीसरे लोग - 11

by Geetanjali Chatterjee
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11. फाल्गुनी जी-तोड़ म्हणत कर रही थी अस्पताल इ निर्माण पर | अस्पताल लगभग बन के तैयार हो चुका ...

तीसरे लोग - 10

by Geetanjali Chatterjee
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10. सात महीने बीत गए किसना को अन्ना शेट्टी के रेस्तरां में काम करते हुए। अन्ना उसकी लगन और ...

तीसरे लोग - 9

by Geetanjali Chatterjee
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9. नीला आकाश शयमवर्णी मेघों का आवरण ओढ़े, ललचाई दृष्टि से अपनी ओर ताकती प्यास धरा को आज तृप्त ...