दुःखी आत्मा जलीभूनी ની વાર્તાઓ

दिल ना जानेया - 1

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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अवस्थी हाउस, दिल्ली सुबह के 8:00 बज रहे थे। घर के मुखिया नवीन अवस्थी इस वक्त पूजा करने में ...

दिल ना जानेया - (प्रोमो)

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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दिल ना जानेया (प्रोमो) दिल्ली की सड़कों पर नील अवस्थी गुस्से में गाड़ी चलाए जा रहा था। उसके कानों ...

ये हम आ गए कहां!!! - भाग 4

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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शाम के वक्त अनन्या सभी नौकरों को रात के खाने के बारे में समझा रही थी और खुद भी ...

ये हम आ गए कहां!!! - भाग 3

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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विहान जल्दी से शरण्या के कमरे से निकलकर बाहर भागा, तभी रास्ते में एक नौकर जो शरण्या के लिए ...

ये हम आ गए कहां!!! - भाग 2

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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रुद्र और विहान भागते हुए रेडियो स्टेशन पहुँचे। वहाँ पहुँचते ही विहान ने रिसेप्शनिस्ट से पूछा, "वो हमें आपकी ...

ये हम आ गए कहां!!! - भाग 1

by दुःखी आत्मा जलीभूनी
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पूरे आठ साल बाद लौटा था वह, वापस अपने शहर, अपने देश में! फिर से उन्हीं हवाओं उन्हीं गलियों ...