Devendra Prasad ની વાર્તાઓ

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 7 (अंतिम भाग)

by Devendra Prasad
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अचानके चुड़ैल जोर जोर से हंसने लग जाती है। हंसते हंसते फिर रोने लग जाती है। थोड़ी देर में ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 6

by Devendra Prasad
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यह सुनते ही उसकी माँ वहीं रुक गई और उसने पीछे ना देखते हुए कार के रियर व्यू मिरर ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 5

by Devendra Prasad
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यह खबर पढ़ते के साथ जयन्त वहां से सीधे भागता हुआ अपने कमरे में आ जाता है और अंदर ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 4

by Devendra Prasad
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उसने अपने मुंह से चुडैल शब्द निकाले ही थे कि उसने देखा कि सड़क के किनारे पीपल का पेड़ ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 3

by Devendra Prasad
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उसने आव देखा न ताव मोटरसाइकिल को फेरारी की इंजन की तरह भगाता हुआ हनुमान चालीसा पढ़ने लगा। "जय ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 2

by Devendra Prasad
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वह जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी एक विशेष किस्म की तीव्र खुश्बू भी बढ़ती जा रही थीं अगले ...

चुड़ैल का इंतकाम - भाग - 1

by Devendra Prasad
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आज की दुनियां में किसी समझदार व्यक्ति से किसी भूत-प्रेत, चुड़ैल, डायन के विषय मे बात करो तो वह ...

कमरा नम्बर-203

by Devendra Prasad
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आपको एक सच्ची घटना के बारे मैं बताने जा रहा हूँ जो की मेरे दोस्त कैशल किशोर के साथ ...

आह्वाहन आत्माओं का

by Devendra Prasad
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मेरा नाम पंकज कुमार है। मुझे लोग सोनू कहना ज्यादा पसंद करते हैं। मै दिल्ली का रहने वाला हूँ। ...

ड्रेकुला और मौत

by Devendra Prasad
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 ब्रिटिश साम्राज्य अठारहवीं सदी से लेकर 20वीं सदी के मध्य तक विश्व का सबसे बड़ा और शक्तिशाली साम्राज्य ...