Deva Sonkar ની વાર્તાઓ

श्राप एक रहस्य - 30 - अंतिम भाग

by Deva Sonkar
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वो फटी आँखों से चारों तरफ़ देखने लगा और उसे सामने ही एक गुड़िया दिखी। बालों से बनी एक ...

श्राप एक रहस्य - 29

by Deva Sonkar
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"सकुन्तला क्या तुम हो..? तुम यहाँ कैसे आयी..?""जैसे हर दिन तुम आते हो...?""लेकिन तुम यहाँ क्यों आयी हो। देखो ...

श्राप एक रहस्य - 28

by Deva Sonkar
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इस एक श्राप के साथ अब कितनी कहानियां जुड़ गई थी। जुड़ गई थी लोगो की भावनाएं, उनका गुस्सा ...

श्राप एक रहस्य - 27

by Deva Sonkar
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"तुम्हें कहा मिली ये गुड़िया...?"लिली ने चौंककर थोड़ी ऊंची आवाज़ में पूछा था ये सवाल।सवाल सुनकर प्राची थोड़ी घबरा ...

श्राप एक रहस्य - 26

by Deva Sonkar
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वो (चंदन मित्तल ) गाड़ी के पीछे बैठे ऊंघ रहे थे। लेकिन फ़िर उन्हें महसूस हुआ रास्ते घुमावदार होने ...

श्राप एक रहस्य - 25

by Deva Sonkar
  • 6.5k

वाह क्या बात है...मतलब तुमने ख़ुद अपने ही बेटे को मार डाला। तुम तो मुझसे भी बड़े बेईमान लगते ...

श्राप एक रहस्य - 24

by Deva Sonkar
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अदिति से हॉस्पिटल में मिलने के बाद सोमनाथ चट्टोपाध्याय को ये पता चल चुका था, की घिनु ने अपनी ...

श्राप एक रहस्य - 23

by Deva Sonkar
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कितनी गलतफहमियां लेकर जी रहे थे इन दिनों लोग। ये सबूत था इस बात की....वो बस तेरह वर्ष की ...

श्राप एक रहस्य - 22

by Deva Sonkar
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उसे कोई शक्ति नहीं मार सकती। उसे बस एक चीज़ ख़त्म कर सकती है...वो है "छल"। हा, छल से ...

श्राप एक रहस्य - 21

by Deva Sonkar
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पटक इतनी ज़ोरदार थी की दर्द से उनकी एक हल्की आह निकल गयी। लेकिन उन्हें पटकने वाला घिनु नहीं ...