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समझता ही नहीं वो मेरे अलफ़ाज़ की गहराई मैंने हर लफ्ज़ कह दिया जिसे मोहब्बत कहते है.....
सिर्फ तुझे चाहा है वो भी तुझसे बीना कुछ चाहे.... 💞💞 -Zainab
सुकून का नाम दिया है हमने तुमको... फिर क्यों घड़ी घड़ी बेचैन किया करते हो.... -Zainab
जन्नत ए इश्क में हर बात अजीब होती है... किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है.... -Zainab
जो प्रेम किसी से बीना मिले होता है वो किसी इबादत से कम नहीं होता.... -Zainab
आज भी बढ़ती उम्र मे कुछ फूल मुरझाते नही है... एक तरफा प्यार की ताजगी हमें हर लम्हा खिला हुआ रखती है.... -Zainab
तरसते रहे.... सिर्फ तेरे लिए... हम बरसते बादलों के नीचे भी.... -Zainab
एक हक ही तो नही हमारा तुम पर.... वरना मोहब्ब्त तो हमने भी बेपनाह की है तुमसे... -Zainab
वाह रे मौसम... तू भी कमाल कर रहा है याद मुझे आ रही है ओर बरस तू रहा है.... 💞 -Zainab
तुम्हारा कोई इशारा नहीं फिर भी ये दिल तुम्हारा है.. तुम्हारा कोई वादा नहीं फिर भी तुमसे प्यार बहुत सारा है... तुमसे कोई उम्मीद नहीं फिर भी हर शाम इंतज़ार तुम्हारा है... -Zainab
पानी से जुदा होकर मछलियां क्यों मर जाती है.... क्योंकि उन्हे नही मालूम था की किसी की नजदीकियां पहले आदत फिर जरूरत ओर फिर जिंदगी बन जाती है... -Zainab
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