Dastane Ashq book and story is written by SABIRKHAN in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dastane Ashq is also popular in क्लासिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आज से आपके लिए पेश कर रहा हूं एक ऐसी लडकी की कहानी जिसने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी मुश्किले चट्टानों की तरह उसकी जिंदगी में थी , मगर वो अपनी पूरी वफादारी और मजबूत ह्रदय के ...और पढ़ेजिंदगी से झूझती रही.. बिना किसी मजबूत सहारे के ..!ऐसी औरतें कमजोर लड़कि
अपने ख्वाबो को जीने की उम्मिद लगाये बैठे थे पता नही था हमे एक झूठी आस सचाये बैठे थे पूरे जोश के साथ नाच गाना चल रहा था वेद प्रकाश जी की खुशी उनके चेहरे से ...और पढ़ेरही थी उनके साथ पूरा परिवार मस्ती में डूबा हुआ था बहुत ही धूम धड़ाके और गाजे-बाजे के साथ उनकी बारात रवाना हुई!और वो परे सन्मानमय ढंग से अपनी बीवी को ब्याह कर अपने धर ले आये!जैसे ही बारात घर पर आई तो उनकी मां उमा देवीजीने अपनी बहू के ऊपर से पानी ओवार के पिया और उसकी सारी बलाए ली!अब लाला
: कहानी की नायका का जन्म कुछ एसे हालात मे हुवा! 24 दिसंबर की वो रात !काला स्याह अंधेरा लेकर आई थी!सर्दी अपने पूरे यौवन पर थी! क्रिश्चियन मिशन हॉस्पिटल की सारी नर्से अपना पसंदीदा त्यौहार मनाने को उत्सुक ...और पढ़ेथी!अगले दिन 25 दिसंबर क्रिसमस का दिन था!पूरा हॉस्पिटल रंग बिरंगी लाइट्स लडियां और क्रिसमस ट्री से सजाया गया थाभगवान ईसु के आगमन की तैयारियां पूरे जोर से चल रही थी!और उस दिन हॉस्पिटल में इतनी भीड़ भी नहीं थी!तकरीबन सारे केसिस समय से पहले निपटा दिए गए थे!मगर एक केस ऐसा था जो बहुत ही उलझा हुआ था मनोरमा देवी
(पीछले भाग मे दास्तान-ए-अश्क मे हमने देखा की क्रिसमस के दिन बच्ची का जन्म होता है! पूरा परिवार खुशियां मनाता है.. अब आगे) वह शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी.! पढ़ाई में सबसे ...और पढ़ेरहना जैसे उसका जूनून था!पढ़ाई के अलावा उसको कविताएं लिखने में दिलचस्पी थी!छोटी छोटी असरकारक कविताएं..!लेकिन वह थोड़ी शर्मीली थी!अपने आप में रहने वाली लड़की !इसी वजह से जो भी काम करती अच्छा हो या बुरा सब से छुपा कर करती!मासूम बच्ची थी बुरा तो क्या करेगी! मगर उसको भूख बहुत लगती थी तो मम्मी की डांट की वजहसे वह कुछ चीजें चुराकर
( पिछले पार्ट में हमने देखा की नाईका अखबार के लिए लिखे आर्टिकल प्रीति को पोस्ट करने भेजती है...! वो अपने बारे मे प्रीति को बताती है.. अब आगे.. ...और पढ़े 5 जब वह 10th क्लास में आई तब उसकी मां का बर्ताव उसके प्रति और भी रुखा हो गया!उसने अपनी मां से एक वादा किया!मम्मी तुम टेंशन मत लो तुम्हें जैसी बेटी चाहिए वैसी ही मैं बन कर दिखाऊंगी! तब उसकी मां ने मन का दुख जाहिर किया! मुझे ऐसी मोटी बेटी नहीं अच्छी नहीं